सूरज…..
सर पे चढ़ आया है,
मगर
मेरे आँगन के
आधे हिस्से में ही
धूप चमक रही है
और
आधा हिस्सा ….
डूबा हुआ है
अँधेरे में !!!!
न जाने
किसने
मेरे हिस्से की
आधी धूप
चुरा ली है !!!!!
रविश 'रवि'
फरीदाबाद
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