ये शब्द पढ़कर आप सभी को कुछ हेरानी हो रही होगी कि ये क्या माज़रा है, क्या ये किसी का नाम है क्या ये किसी स्थान के लिए उपयोग में लाया गया है या किसी की परम्परा का उदाहरण है ये किसी फसल का नाम है या ये किसी स्थान में पाई जाने वाली जड़ी बूटी है मुझे पता है आप ने जो भी अंदाज लगाये होंगे वो इस शीर्षक के आसपास भी नहीं होंगे जाहिर है आपको ये लग रहा होगा में ऐसे कोनसा शीर्षक है जो आप की सोच से परे है,तो एक बात आपको बताऊँ नाम से वैसे ये एक क्रिकेटर का नाम भी लग सकता है याद आया चिर परिचित भारतीय बल्लेबाज और शानदार कमेन्टेटर नवजोत सिंह सिद्धू के बारे में तो कोई आर्टिकल नहीं लिख रही जिस वजह से मैने ये शीर्षक बनाया पर ये भी बात नहीं है दरअसल आज मैंने आपको एक अलग ही दुनिया की सैर का मूड बनाया जहा आप सभी इस चटपटी और मिठास से परिपूर्ण सैर के बाद आप अवश्य ही मुझे धन्यवाद दोगे अब आप के दिमाग में आएगा कि में तो सिद्धू जी बात करते करते कहा चटपटी और मीठी सैर को बीच में ले आई यकीन मानिए यही सच है ये शीर्षक वाकई दो व्यंजनों से मिलकर बना है दो व्यंजनों से मिलकर ये सिददूचुरी कैसे बना.
तो अब आप के सारे अटकलों को विराम देते हुए में राज़ खोलती हु कि ये एक नाम नहीं है ये दो व्यंजनों को मिलाकर बना एक शब्द है जिसने आपके दिमाग की काफी कसरत करवा दी. ये हिमाचल प्रदेश में शिमला में लोकप्रिय दो व्यंजन है.एक सिड्ड ,दूसरा है चुरी,ये दोनों ही वहाँ लोकप्रियता के सारे रिकार्ड तोड़ रहे जी आप ने सही पढ़ा सिड्ड जिसे हम देसी बाटी का एक अनोखा रूप कहेंगे क्योंकि जब वो आपके आँखों के सामने आएगा तो आपको यही लगेगा जेसे आपके सामने बाटी घी और चटनी के साथ परोसा गया है पर ये भी है हमारे यहाँ तो बाटी दाल भरते के साथ परोसते है, फिर ये कैसी बाटी जो चटनी के साथ क्यों परोस रहे जी हां ये सिड्ड गेंहू और मैदा से बनते है ये एक प्रकार की नमकीन और मीठी रोटी का ही रूप है. इनको भरवा तौर पर बनाया जाता है नमकीन सिड्ड साबुतधनिया,हरीमिर्च,लहसुनकलियाँ,खसखस,अमचुर,जीरा पाउडर ड्राई यीस्ट पाउडर से बनाया जाता है.इसी तरह मीठे सिड्ड में काजू,बादाम,सूरजमुखी के बीज,तरबूज के बीज,किशमिशअलसी,सफ़ेद तिल,और नारियल को उपयोग करते है.इन दोनों तरह सिड्ड को शुद्ध घी के साथ परोसा जाता है,और नमकीन सिददू को शुद्ध घी के साथ हरी धनिया की चटनी पेश करते है, तो ये सिड्डआपके स्वाद में एक नयापन लाते है सिड्ड सर्दियों के मौसम में एक सर्वप्रिय नाश्ते के तौर पर भी जाना जाता है ये स्थानीय निवासियों से ज्यादा सैलानियों को रुचिकर लग रहा है.
अब बात करे चुरी की जो एक मीठी डिश के तौर पर प्रचलित है सिड्ड नमकीन और मीठी दोनों ही रोटी का रूप है वही चुरी रोटी से ही बनी हुई डिश है,जिसमें गेहू का आटा,शुद्ध घी और शक्कर या गुड कुछ भी ले सकते है,इसमें रोटी में घी,गुड या शक्कर मिलाकर उसकी चुरी बनाकर फिर उसमे ड्राई फ्रूट भी डाल सकते जिनसे इसका स्वाद और भी स्वादिष्ट हो जाता है.इन दो के अलावा भी हिमाचलप्रदेश में और भी डिशेज फेमस है,जिनमे बाबरु,अकतोरी,तुद्किया भात,कुल्लू ट्राउट,भे,धाम,मदरा,छागोश्त,मिट्ठा,काले चने का खाटा शामिल है. वैसे तो हिमाचल को देव भूमि कहा जाता है.और जहा देवता खुद वास करते हो वहा के खानपान में विविधता और स्वाद के साथ साथ देवों की कृपा भी मिली होती है.यानिकि इस देव भूमि के हर कोने में आपको एक नया स्वाद नयी रेसेपी के साथ नए अनुभव का संगम देखने को मिलेगा.