प्यारी दामिनी
सादर अन्यायस्ते!
तुम इस धरा को छोड़कर आखिर चली ही गयीं और जाने के साथ-साथ छोड़ गयीं यह
प्रश्न, कि अपनी कोख से इस संसार को जीवन देने वाली नारी के लिए यह संसार ही अब
सुरक्षित नहीं रह गया है. हम सब सोचते थे, कि धर्म ग्रंथों में वर्णित मानव और दानव
का वर्णन कपोल कल्पित है, लेकिन उन दरिंदों ने तुम्हारे साथ बस में जो उस रात किया,
उस दरिंदगी को दर्शाने वाले दरिंदे दानव ही हो सकते हैं. उन दानवों के कुकृत्य को
सुनकर हृदय पीर से फटने लगता है और मन व्यथित होकर सोचता है, कि नारियों को देवी
का दर्जा देकर पूजने वाले भारत देश में ऐसे दरिंदों को अब तक जीने का अधिकार आखिर
क्यों है? अस्पताल में तुमने जीवन के लिए जिस जीवटता से संघर्ष किया, वह नमन करने
योग्य है. काश ऐसी जीवटता भारतीय सरकार और प्रशासन में भी होती, तो देश में ऐसे दरिंदे
अपनी माँ की कोख से मुर्दा ही जन्म लिया करते. तुम्हारे साथ हुए इस दर्दनाक हादसे
से इस समय भारत का जन-जन दुखी है और यह दुःख उसकी आँखों से बहते आंसुओं से स्पष्ट
देखा जा सकता है. हालांकि उस जनमानस में
कुछ ऐसे धूर्त भी सम्मिलित हैं, जो ड्रामा करके घड़ियाली आँसू बहा रहे हैं. तुमने
भारतीय युवाओं के दिलों एक ऐसी चिन्गारी उत्पन्न कर दी, कि उस युवा वर्ग ने, जिसे
अब धूम-धड़ाका मस्ती कर जीवन जीने का ही पर्याय माना जाता था, राजपथ पर एकत्र कर
उसे लोकपथ बना दिया और सत्ता को सीधी चुनौती दे डाली. तुमसे प्रेरित हो नारियों ने
इस आंदोलन में भाग लेकर यह सिद्द कर दिया, कि वे अब अबला नहीं सबला हैं. राजपथ पर
एकत्र युवाओं की भीड़ ने मिस्र के तहरीर चौक की याद ताज़ा कर दी. पूरे विश्व में इस
हादसे की चर्चा हो रही है और सरकार व प्रशासन एक-दूसरे पर आरोप प्रत्यारोप में
मग्न हैं. पूरा भारत बलात्कारियों को फाँसी पर लटकाये जाने की माँग कर रहा है,
लेकिन मन दर्द भरी हँसी हँसते हुए विचार कर रहा है, कि जब देश की अस्मिता के साथ
बलात्कार करने वालों का कुछ भी बाल-बांका नहीं हो पाता, तो फिर इन दरिदों को फाँसी
देना भी कहीं मात्र दिवास्वप्न ही बनकर न रह जाए. बहरहाल चूँकि अब देश का युवा जाग
गया है, तो देश का भाग्य तो बदल कर ही रहेगा. हम सभी के साथ उस परमधाम तुम भी
कामना करना, कि भारत का युवा वर्ग अपने देश का भाग्य बदले बिना चैन से न सोये,
ताकि फिर कभी किसी दामिनी के साथ ऐसा दर्दनाक हादसा न होने पाए.
तुम्हारी आत्मा की शान्ति के लिए प्रार्थना करता हुआ
तुम्हारा एक भारतीय भाई... :(
*चित्र गूगल से साभार
bahut hee umda
ReplyDeletetumhari aatma ko shanti mile ... ek bhai :(
ReplyDeleteअति दर्द के बाद एक पवित्र यात्रा को अग्रसर हो तुम दामिनी ...खुश रहो यहाँ से जाने के बाद :(
ReplyDeleteसबसे पहले दामिनी को मेरी तरफ से श्रदांजलि ....
ReplyDeleteअगर ऐसा और न हो किसी के भी साथ जो की संभव नही है बिना समाज और सिस्टम को बदले बिना !जब तक समाज जागरूक नही होगा तब तक ऐसी वारदात होती रहेंगी, इतना होने के बाद भी यह रुकने वाले नही है क्योकि इस समाज मे भूखे भेड़ियो की कमी नही है ! यह देश कभी भी सुधरने वाला नही है जब तक हम लोग अपनी विचारधारा नही बदल लेते,तब तक इस देश में रॅप होते रेहेंगे...अगर रेप को रोकना है तो कानून को नही अपनी मानसिकता बदलनी होगी....
और सरकार को भी समझ लेना चाहिए की अब 2G वाली जीरो लॉस वाली थ्योरी नही चेलेगी की आप ने कहा और जनता ने मान लिया ....
बाकी सब की सामूहिक जिम्मेदारी से ही यह रुक सकता है! इसमें चाहिए औरत हो या मर्द क्योकि आज जो विज्ञापन का युग है वो औरत को भोग विलास की वस्तु के रूप में पेश कर रहे है !इस के लिये पुरुषों को मानसिकता बदलनी होगी और औरते भी इस बाजारवाद की अंधी दोड़ में अगर शालीनता से काम ले ....
Ankit Gupta 'ank'
ReplyDeleteSaargarbhit aalekh!!
Ankit Gupta 'ank'
ReplyDeleteSaargarbhit aalekh!!
Ankit Gupta 'ank'
ReplyDeleteSaargarbhit aalekh!!
बहुत दुखद...दामिनी तुम्हारे जो ज्योति जलाई है वह जलती रहे ...
ReplyDeleteदामिनी को श्रद्धांजलि
ReplyDeleteमेरी नई पोस्ट : "काश !हम सभ्य न होते "
" निर्भय (दामिनी) को श्रद्धांजलि "
संवेदनशील प्रस्तुति हेतु आभार!!
ReplyDeleteDamini es anyaya ke khilaf ladai ki mangal pande hai. DAMINI amar rahe.
ReplyDeletedamini ko kitni sunder shraddhanjali.(yadyapi itne dukhaant drishya me sunder shabd ka prayog sarvatha anupyogi hai)
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