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Wednesday, October 31, 2012

प्यार पर मुक्तक

चित्र गूगल से सप्रेम 
प्यार का  नाम  बचा है तो  बस किताबों में
इश्क  की  खुशबू भी  बाकी नहीं  गुलाबों में
कोई  तेज़ाब   कहीं   डाल   न  दे  चेहरे  पर 
हुश्न डर-डर के निकलता है अब हिज़ाबों में
लेखक- सुमित प्रताप सिंह 



1 comment:

यहाँ तक आएँ हैं तो कुछ न कुछ लिखें
जो लगे अच्छा तो अच्छा
और जो लगे बुरा तो बुरा लिखें
पर कुछ न कुछ तो लिखें...
निवेदक-
सुमित प्रताप सिंह,
संपादक- सादर ब्लॉगस्ते!