चित्र गूगल जी से साभार |
बात बहुत पुरानी है,
सबकी जानी-मानी है
नेता जी के गाँव का दौरा
शीघ्र चुनाव निशानी है.
जो देते है ऊँचें भाषण
प्रलोभन, झूठे आश्वासन
काम यदि वें कुछ कर जाएं
तब होती हैरानी है.
हाथ जोड़कर वोट मांगतें
और गधे को बाप मानते
सत्ता हाथ में आ जाने पर
करते वो मनमानी है.
जब मिलते है यार पुराने (सभा गृह में)
चाहे बीती सबकी जाने
कहते सुनते दिल न भरता
बात करें बचकानी है.
रहते है जब तक साथ में
चलते हैं दे हाथ हाथ में
स्वार्थ के पूरे हो जाने पर
कर जाते बेईमानी है.
जाने कैसी मजबूरी है
जाने कैसा नाता है ये,
उनको ही कहना है सब कुछ
जिनसे बात छिपानी है.
जो नेता है भ्रष्टाचारी
उनको सीख सिखानी है
और भ्रष्टाचार मिटाने को अब
हर देशवासी ने ठानी है.
हर नेता को याद दिला दूं
गर मुमकिन हो मैं समझा दूं
भारत माँ के बेटे हम सब
सच्चे हिन्दुस्तानी है
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निवेदक-
सुमित प्रताप सिंह,
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