सादर ब्लॉगस्ते पर आपका स्वागत है।

Friday, April 17, 2020

चौपाई कोरो ना

अजब फैल गई महामारी 
सारी दुनिया उससे हारी

कोरोना  का रावण आया
खांसी,नजला, कंठ सुखाया।

सांसों की तकलीफें लाया
लॉक डाउन में हमें फंसाया।

रामराज्य को वापिस लाआे
कॉविड से पीछा छुड़वाओ

वैद्य, हकीम नब्ज को जानो
भारत की दुविधा पहचानो।

समय यही हनुमान बुलाआे
जड़ ,कंद फिर से मंगवाओ।

मूर्छा  हर , हर लक्ष्मण जागे
कोरोना तब डरकर भागे

डॉक्टर ,नर्स और सिपाही
मानवता की बने गवाही

उनका कर्जा आज चुकाओ
धन्यवाद कह फर्ज निभाओ।

राष्ट्रधर्म है मनुज निभाओ
हर भूखे को रोज खिलाओ।।


..... मौलिक एवं स्वरचित...
..सरिता यश भाटिया ...

1 comment:

यहाँ तक आएँ हैं तो कुछ न कुछ लिखें
जो लगे अच्छा तो अच्छा
और जो लगे बुरा तो बुरा लिखें
पर कुछ न कुछ तो लिखें...
निवेदक-
सुमित प्रताप सिंह,
संपादक- सादर ब्लॉगस्ते!