हे प्रभु तू निराकार है महिमा तेरी अपरमपार है
सारी सृष्टि का प्रभु, एक तू ही सृजनकार है
धरती बनाई तूने,बनाए चाँद और सितारे
नदियाँ बनाई तूने, जंगल,पहाड़ सारे
सूरज की चमक में, तू ही करतार है
सारी सृष्टि का प्रभु, एक तू ही सृजनकार है
माता - पिता है तू ,बन्धु - सखा तू है
दिन रात गर्मी सर्दी बरसात भी तू ही है
जलनिधि में तूने ही जल का भरा भण्डार है
सारी सृष्टि का प्रभु, एक तू ही सृजनकार है
मानव का सुन्दर चोला पाया है तुझी से
फल फूल प्यारे प्यारे सुगन्ध है तुझी से
तू ही इस जीवन का सर्वोच्च आधार है
सारी सृष्टि का प्रभु, एक तू ही सृजनकार है
जन्म - मरण है तुझसे, घृणा - प्रेम है तुझसे
दीन - दुखी निर्बल आंसू औ' ख़ुशी है तुझसे
तू ही विघ्नहर्ता ,तू ही लगाता बेड़ा पार है
सारी सृष्टि का प्रभु, एक तू ही सृजनकार है
हे प्रभु तू निराकार है महिमा तेरी अपरमपार है
सारी सृष्टि का प्रभु, एक तू ही सृजनकार है
रचनाकार : सरिता भाटिया
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