देश प्रेमी नेताओं से मिलने के स्थान –
नेताओं का समूह प्रत्येक चुनाव से पहले हर गली व
मुहल्लों व शहरों में पाये जाते हैं.
भौतिक गुण
1. कद - चुनाव से पहले इनका कद एक साधारण पुरुष जैसा होता है लेकिन चुनाव जीत जाने के
बाद इनका कद एकदम बढ़ जाता है.
2. पोशाक का रंग- प्राय: सफ़ेद दूधिया रंग के कपड़े पहनते है.
3. गंध - नेताओं में बाहर से देश प्रेम की गंध
आती है.
4. गलनांक -
इनका गलनांक
उच्च होता है किंतु रिश्वत ताप पर निम्न गलीय हो जाते है.
5. विलयता - प्राय: ये अपना नफा (फायदा) भाँप कर किसी
भी दल के साथ विलय कर लेते है.
रासायनिक गुण
1. हवा का रुख- ये चुनाव की हवा का प्रभाव देख अपना रुख
बदल देते है.
2. पानी की क्रिया- ये चुनाव के बाद जनता की आशाओं पर पानी फेर देते है.
3. संसद के अंदर की क्रिया- संसद के
अंदर अपने विरोधी पार्टियों पर दुश्मन की तरह अग्नि
जैसे सवालों के वाणों से आक्रमण (हमला)
करते है.
4. संसद के बाहर - संसद के बाहर नेता प्रेम वर्षा करते है
एक दूसरे के गले मिलते हाथ
मिलाते है.
5. साम्प्रदायिकता की क्रिया यह मंदिर, मस्जिद, धर्म, जाति व क्षेत्रीयवाद के सहारे अपना काम बना,और चलते बनते है.
6. कुर्सी से क्रिया - ये लोग कुर्सी के प्रति राइफल की गोली से
भी तीव्र क्रियाशील होते है. कुर्सी मिलने के बाद कुर्सी में
फेविकोल की तरह चिपक जाते है
बड़ी ही मुश्किल से छोड़ते है.
7. उदासीनता - प्राय: यह जनता की समस्याओं से उदासीन होते है.
सिद्धांत
रघुपति राघव
राजा राम पतित पावन सीता राम
लेकिन अब - रघुपति राघव
राजा राम
जैसा थैला वैसा काम
राजनीति
विज्ञान
1. पढ़ाई - एक ऐसा अपराध जिसकी सजा उम्र कैद
2. कवि - एक सुधरा हुआ पागल.
3. मंदिर - एक ऐसी जगह जहाँ ईश्वर सदा के लिए कैद है और उनके रिश्तेदार
उनसे मिलने जाते है.
4. चिंता- वजन कम करने की दवा.
5. शमशान - जीवन का अन्तिम स्टेशन.
6. दुःख - भगवान को याद करने का मौसम.
7. जेल - बिना पैसे का होटल.
8. दामाद - कलयुग की सबसे कीमती मशीन.
9. सिनेमा - पैसे देकर कैद होने वाला स्थान.
10. सास - बिना पैसे की जासूस बहू के लिए.
11. ताला - बिना वेतन का पहरेदार.
12. लड़ाई - वकीलों का आभूषण.
13. मेहनत - गरीबों का आभूषण.
14. मदिरा - कलयुग का अमृत.
15. चोर - रात्रि के
ईमानदार व्यापारी.
16. पुलिस - चलता फिरता बैंक.
17. चौक (पैन) - टीचर की तलवार.
18. रिश्वत -
आज के ज़माने की सुविधा फीस.
19. चिकित्सक - यमराज से मिलाने वाला.
लेखक- सुनील भदौरिया, पत्रकार
संपर्क - नई दिल्ली, भारत
दूरभाष - 09868617879
चित्र गूगल बाबा से साभार
No comments:
Post a Comment
यहाँ तक आएँ हैं तो कुछ न कुछ लिखें
जो लगे अच्छा तो अच्छा
और जो लगे बुरा तो बुरा लिखें
पर कुछ न कुछ तो लिखें...
निवेदक-
सुमित प्रताप सिंह,
संपादक- सादर ब्लॉगस्ते!