कोटा के प्रखर व्यंग्य कवि हलीम आईना को हिन्दुस्तानी भाषा अकादमी की ओर से उत्कृष्ट दोहा लेखन के लिए टॉपटेन दोहाकारों में चयनित होने पर 'हिन्दुस्तानी भाषा काव्य प्रतिभा सम्मान' से नवाजा गया। दिल्ली पब्लिक लाइब्रेरी सभागार में आयोजित राष्ट्रीय स्तर के भव्य समारोह के मुख्य अतिथि वरिष्ठ साहित्यकार देवेन्द्र माँझी थे,अध्यक्षता डॉ.लक्ष्मी शंकर वाजपेयी ने की तथा विशिष्ट अतिथि डॉ. संजीव कुमार रहे। स्मृति चिन्ह,अंग वस्त्र,लोकार्पित साझा दोहा संकलन 'नावक के तीर' तथा भारतीय भाषा दिवस स्मारिका भेंट कर सम्मान किया।संचालक एवं कार्यक्रम समन्वयक विनोद पाराशर बताया कि हलीम आईना ने समारोह अपने विशिष्ट दोहे सुनाकर ख़ूब तालियाँ बटोरी।उनका एक दोहा ख़ूब सराहा गया-"दुखयारों के दर्द का, हो जिसको अहसास/अदबी दुनिया में वही, फैलाये परकास।"
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