हो दिन हो या के रात हंसते रहा करो !
हों कैसे भी हालात हंसते रहा करो !!
माना के नहीं होता हर सवाल का जवाब !
गर मुश्किल हों सवालात हंसते रहा करो !!
धुन खुशी की हो या गम के हों तराने !
कैसे भी हों नग्मात हंसते रहा करो !!
खुद को हंसाये रखना यूँ आसान नही है !
फिर भी है वही बात हंसते रहा करो ! !
उस मोड़ मौत पे है खत्म जिंदगी का साथ !
पर जब तलक है साथ हंसते रहा करो ! !
राहुल 'शेष'
प्रतापगढ़ उ.प्र.
नई दिल्ली
फोन नं. 9015573798
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सुमित प्रताप सिंह,
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