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Monday, August 5, 2013

गज़ल

हो दिन हो या के रात हंसते रहा करो !

हों कैसे भी हालात हंसते रहा करो !!

माना के नहीं होता हर सवाल का जवाब !
गर मुश्किल हों सवालात हंसते रहा करो  !!


धुन खुशी की हो या गम के हों तराने  !
कैसे भी हों नग्मात हंसते रहा करो  !!


खुद को हंसाये रखना यूँ आसान नही है  !
फिर भी है वही बात हंसते रहा करो ! !

उस मोड़ मौत पे है खत्म जिंदगी का साथ  !
                         पर जब तलक है साथ हंसते रहा करो ! !                         

    राहुल 'शेष' 


      प्रतापगढ़ उ.प्र.

नई दिल्ली 
     फोन नं. 9015573798

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सुमित प्रताप सिंह,
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