‘गूगल गुरु’ आज 18 साल के
हो गए. वैसे तो 18 साल की आयु को समाज में परिपक्व नहीं माना जाता तभी तो न इस
उम्र में आप शादी(पुरुष) कर सकते हैं और न ही शराब पी सकते हैं. यहाँ तक कि देश
में चुनाव भी नहीं लड़ सकते,बस अपने जन-प्रतिनिधि का चुनाव कर सकते हैं. इस आयु के
युवा औसतन बारहवीं कक्षा की पढाई पूरी कर कालेज में एडमीशन की ज़द्दो-जहद में लगे
होते हैं, लेकिन गूगल गुरु की बात ही निराली है. गूगल ने अपने अठारह साल के सफ़र
में पूरी दुनिया को अपना मुरीद बना लिया है. जो भी जानकारी चाहिए बस गूगल पर सर्च
मारिए और पलक झपकते ही सभी जानकारियां पूरे विस्तार के साथ हाज़िर हो जाती है.
गूगल ने ‘वर्चुअल गुरु’
बनकर वास्तविक गुरुओं को भी पीछे छोड़ दिया है. भले ही इस उम्र में शराब/सेक्स जैसी
बातों से परहेज करना होता है लेकिन गूगल इसी आयु में शराब बनाने से लेकर पीने के
तरीके तक बता रहा है. और सेक्स को तो इसने घर-घर( इसे मोबाइल-मोबाइल पढ़ें) में
उपलब्ध करा दिया है. जैसा की मैंने ऊपर लिखा है कि सामान्य तौर पर इस आयु को
परिपक्व नहीं माना जाता इसलिए हम यह मान सकते हैं कि गूगल गुरु पर सर्च भी अभी
अपने अपरिपक्व दौर में है और जैसे जैसे इस वर्चुअल गुरु की उम्र बढ़ेगी वह परिपक्व
होकर केवल ‘पोर्न’ तलाशने का माध्यम नहीं रह जायेगा बल्कि सच में अपना ज्ञान बढ़ाने
और कौशल निखारने का माध्यम बनेगा. अच्छी बात यह भी है कि इस समय गूगल की कमान
भारतीय हाथों में हैं और यह उम्मीद की जा सकती है कि सुन्दर पिचाई इसे धीरे धीरे
भारतीय रंग में रंग देंगे.
केवल आंकड़ों पर नजर रखने
वाले लोगों के लिए यह बताना जरुरी है कि गूगल कि स्थापना 4 सितम्बर 1998 में अमेरिका
के कैलिफोर्निया के मेनलो पार्क नामक स्थान पर महज एक रिसर्च प्रोजेक्ट के तौर पर हुई
थी और इसके संस्थापक लेरी पेज और सर्गेई ब्रिन थे. गूगल के पिता का नाम (पेरेंट
आर्गेनाइजेशन) अब एल्फाबेट इंक है और अभी गूगल गुरु का स्थायी घर कैलिफोर्निया के
माउन्टेन व्यू में है. दरअसल गूगल एक अमेरिकी बहुराष्ट्रीय
प्रौद्योगिकी(टेक्नॉलाजी) कम्पनी है और इंटरनेट सेवाओं में इसकी बादशाहत है. अब
इसने आनलाइन विज्ञापन,सर्च, क्लाउड कम्प्यूटिंग और साफ्टवेयर के क्षेत्र में भी
सफलता के झंडे गाड़ लिए हैं.
गूगल गुरु के परिवार में
सदस्यों की संख्या तेजी से बढती जा रही है और अब इसमें जीमेल,गूगल ड्राइव, गूगल
प्लस, गूगल क्रोम, हैंगआउट, मोबाइल का सबसे लोकप्रिय एंड्राइड आपरेटिंग सिस्टम, क्रोमबुक
और अब ब्राडबैंड सर्विस जैसे नए सदस्य जुड़ते जा रहे हैं. गूगल में काम करने वाले
कर्मचारियों की संख्या भी अब 60 हजार के आस पास है और अब यह दुनिया की सबसे नामी
कंपनियों में से एक है. ......तो जन्मदिन मुबारक गूगल गुरु.
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निवेदक-
सुमित प्रताप सिंह,
संपादक- सादर ब्लॉगस्ते!