सादर ब्लॉगस्ते पर आपका स्वागत है।

Saturday, November 10, 2012

सुनो हे भारत माँ के बेटो

चित्र गूगल जी से साभार 

हे भारत माँ के बेटो,  भारत माँ की संतान,
जो है देश की आन बचानी, तो दो तुम कुछ बलिदान !

रिश्वतखोरी को छोडो, मत  घूस से नाता  जोड़ो 
भ्रष्टाचार के पथ से, अपना नाता तुम तोड़ो,
अब जग में भारत माँ की, बढ़ानी हमको है शान 
जो है देश की आन बचानी.........

जहाँ हरिश्चंद्र ने अपने सच का डंका था बजाया
उस देश में जानो कैसे फिर झूठ ने राज जमाया 
आओ मिलकर पहुँचा दें, इस झूठ को शमशान 
जो है देश की आन बचानी.........

कहीं जाति औ' धरम के झगडे, कहीं ऊंच नीच की बातें 
कुछ ऐसा हम कर पाते, मिलकर हम सब रह पाते 
हर प्रान्त का वासी पहले माने, है देश उसका हिन्दुस्तान 
जो है देश की आन बचानी....
हे भारत माँ के......

रचनाकार- श्री वीरेश अरोड़ा "वीर"


निवास- अजमेर, राजस्थान (भारत)



No comments:

Post a Comment

यहाँ तक आएँ हैं तो कुछ न कुछ लिखें
जो लगे अच्छा तो अच्छा
और जो लगे बुरा तो बुरा लिखें
पर कुछ न कुछ तो लिखें...
निवेदक-
सुमित प्रताप सिंह,
संपादक- सादर ब्लॉगस्ते!