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Friday, September 7, 2012

लघु कथा: विवाद


   
 लेखक की नई पुस्तक प्रकाशित हुई. कुछ ऐसे घटनाक्रम हुए, कि लेखक व प्रकाशक में युद्ध आरंभ हो गया. कई दिनों तक आरोप–प्रत्यारोप का दौर चला. इस घटनाक्रम से लेखन संसार बहुत दुखी हो गया. लेखन जगत ने लेखक व प्रकाशक से इस विवाद को मिल-बैठकर आपस में ही सुलझा लेने का आग्रह किया. आखिरकार लेखक व प्रकाशक एक निश्चित स्थान पर आकर मिले और मिलते ही एक-दूसरे के गले मिलकर रोते हुए बोले, “इतना विवाद हुआ फिर भी पुस्तक हिट न हो पाई”.

18 comments:

  1. भईया जी गलत बात ... इतने भिगो भिगो के मारोगे ???



    मुझ से मत जलो - ब्लॉग बुलेटिन ब्लॉग जगत मे क्या चल रहा है उस को ब्लॉग जगत की पोस्टों के माध्यम से ही आप तक हम पहुँचते है ... आज आपकी यह पोस्ट भी इस प्रयास मे हमारा साथ दे रही है ... आपको सादर आभार !

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    1. शिवम भाई इस युवा व्यंग्यकार का लघु कथा के रूप में यह लघु व्यंग्य आपको इतना भाया,इसके लिए आपका शुक्रिया...

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  2. यह भी उनके लिए त्रासदी है .... पिक्चर तो हिट जाती

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  3. एक और बेहतरीन पोस्ट के लिए बधाइयाँ !

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    1. शुक्रिया रवीन्द्र प्रभात जी...

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  4. बहुत अच्छा लघु व्यंग्य

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    1. शुक्रिया रतन सिंह शेखावत जी...

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    1. शुक्रिया अनुपमा त्रिपाठी जी...

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  6. काबिले तारीफ ।
    मेरी नयी पोस्ट -"क्या आप इंटरनेट पर ऐसे मशहूर होना चाहते है?" को अवश्य देखे ।धन्यवाद ।
    मेरे ब्लॉग का पता है - HARSHPRACHAR.BLOGSPOT.COM

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    1. शुक्रिया हर्षवर्धन जी आपके आने से अत्यंत हर्ष हुआ...

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  7. कल से मैंने अपना चौथा ब्लॉग "समाचार न्यूज़" शुरू किया है,आपसे निवेदन है की एक बार इसपे अवश्य पधारे और हो सके तो इसे फ़ॉलो भी कर ले ,ताकि हम आपकी खबर रख सके । धन्यवाद ।
    हमारा ब्लॉग पता है - smacharnews.blogspot.com

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    1. हर्षवर्धन जी सूचना के लिए धन्यवाद. कृपया जाते-जाते यह तो बता जाते, कि यह लघु कथा कैसी रही?

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  8. सुमित जी... वाह...!!

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    1. शुक्रिया राजू जी
      वाह-वाह के साथ आह-हाय भी...:)

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और जो लगे बुरा तो बुरा लिखें
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निवेदक-
सुमित प्रताप सिंह,
संपादक- सादर ब्लॉगस्ते!