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Friday, April 27, 2012

आओ सब मिल पेड़ लगायें


आओ सब मिल पेड़ लगायें,
पौधा एक एक अपनायें.

घर में या बगिया में बाहर,
जहां जगह एक पौध लगायें.
ध्यान रखें पानी देने का,
और खाद भी कभी मिलायें.

मम्मा रखती ध्यान तुम्हारा,
ध्यान रखो पौधे का वैसे.
जैसे तुम हंसते हो हर पल,
मुस्काएगा पौधा भी वैसे.

साथ बढ़ोगे तुम दोनों ही,
एक अपनापन जुड़ जायेगा.
बचपन का ये साथ तुम्हारा,
जीवन भर खुशियाँ लायेगा.

एक एक पेड़ मिल कर के, 
जग में हरियाली लायेंगे.
यह धरा हमारी हर्षायेगी,
उसको नव जीवन लायेंगे.

कैलाश शर्मा 

4 comments:

  1. सुन्दर और सार्थक रचना

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  2. आपकी कविता और इसके भाव अच्छे हैं

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  3. हमें पेंड जरुर लगाना चाहिए क्योकि धरती की तपिश से यही हमें बचा सकता है|

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निवेदक-
सुमित प्रताप सिंह,
संपादक- सादर ब्लॉगस्ते!