आम आदमी की व्यथा
कभी राशन की लाइन में ,कभी सब्जी की दुकान में,
रोज ही मरता हूँ मैं, मुझको ना दफ़नाओ यार!
सरकार कहती है ३६ रुपये काफ़ी हैं जीने के लिए,
दो वक्त की रोटी कैसे आए, यह इनको समझाओ यार!
एक दिन ऑफीस चलाने का इनका खर्चा जरा पूछो,
कैसे भरता है बच्चों का पेट, इनको भी बताओ यार!
घर का खाना जुटा ना पाउँ, तो मैं क्यों चड़ू फाँसी पर,
इन सबको लटकाओ यार, अब मंहगाई दूर हटाओ यार!
सड़कें बेची, खेलें बेची, प्याज बेचा,बेचा सारा देश,
रचना तो बहुत सुन्दर और सामयिक है!
ReplyDelete--
मतले का शेर भी होता तो ग़ज़ल कही जा सकती थी!
all the best Saritaji apki rachna ko no 1 milega humhe vishwash hai aur bhagwan ko bhi prathna karte hai jaroor ap kamiyabi hasal karege god bless u
ReplyDeleteChat Conversation End
Seen 12:03 PM
शुक्रिया गौतम जी
DeleteAre vah kaya bat
ReplyDeleteशुक्रिया जी
Deleteसुंदर रचना | बधाई |
ReplyDeleteTamasha-E-Zindagi
Tamashaezindagi FB Page
शुक्रिया तुषार
Deleteबहुत खूब लाजबाब रचना,,,,,बधाई सम्मान पाने के लिए
ReplyDeleteRecent post: गरीबी रेखा की खोज
सत्य कहा है, सत्य लिखा है... शायद आम आदमी की ये व्यथा सदा व्यथा ही रहेगी।
ReplyDeleteशुभकामनाएं।
शुक्रिया जी
Deleteसुन्दर शब्दों से सजी बढ़िया रचना |बधाई सम्मान के लिए |
ReplyDeleteआशा
आशा दीदी स्नेह देती रहें
Deleteश्रीमती वन्दना गुप्ता जी आज कुछ व्यस्त है। इसलिए आज मेरी पसंद के लिंकों में आपका लिंक भी चर्चा मंच पर सम्मिलित किया जा रहा है।
ReplyDeleteआपकी इस प्रविष्टी की चर्चा कल शनिवार (23-02-2013) के चर्चा मंच-1164 (आम आदमी कि व्यथा) पर भी होगी!
सूचनार्थ!
गुरु जी शुक्रिया
Deletecongratulations...........
ReplyDeletebehtreen pryaas hai aapka....lekhkon ko utsahit karne ka.
ReplyDeleteशुक्रिया जी
DeleteSarita ji,bahut khoob, khoobshoorat ahsas
ReplyDeleteखुशामदीद जी ,शुक्रिया
Deletewaah sarita bahut hi sundar ...
ReplyDeletethx रंजना जी
Deleteबड़ी व्यथा है अब कौन समझाए उनको जिन्हें आम जनता अपने सर माथे उठाये रखती हैं ..जमीन पर हो तो उनसे बात भी संभव हो ..बहुत उम्दा रचना
ReplyDeleteसही कहा कविता जी
Deleteगुरु जी एवं सभी मित्रों का हार्दिक अभिनन्दन अपना बहुमूल्य समय देने के लिए
ReplyDeleteबहुत सुन्दर
ReplyDeleteshukriya Alka ji
Deletewaah bahut sunder rachna
ReplyDeletethx a lot
DeleteVery nice sarita ji ... Wish u all the best !
ReplyDeletethx Raj,God bless
DeleteWish you best of luck.Very nice!!
ReplyDeletevinnie