प्यार बाँटकर यार जिए जा
हार मिली
है तुझको जिनसे
उनको कुछ
उपहार दिए जा
दुःख
देते जो तुझको हर दिन
सुख उनको
हर बार दिए जा
बीती
बातें छोड़ के प्यारे
कल पर
कुछ विचार किये जा
क्या
होना है कल क्या जाने
खुद को
तू तैयार किये जा
ना करना
चाहे तू कुछ भी
करने का
इकरार किये जा
करनी का
फल पाना होगा
लाख भले
इनकार किये जा
रचनाकार- श्री वीरेश अरोड़ा "वीर"
निवास- अजमेर, राजस्थान (भारत)
चित्र गूगल से साभार
Karni ka fal pana hoga
ReplyDeleteLakh bhale inkar kiye ja.
shaswat satya