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Monday, September 23, 2013

मेरे हिस्से की धूप...

सूरज..
सर पे चढ़ आया है,

मगर
मेरे आँगन के 
आधे हिस्से में ही
धूप  चमक रही है

और

आधा हिस्सा ….
डूबा हुआ है

अँधेरे में !!!!

न जाने
किसने
मेरे हिस्से की
आधी धूप 
चुरा ली है !!!!!

रविश 'रवि'
फरीदाबाद

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