सारी दुनिया के सवालों से बचा लूँ तुमको
अपने दिल के किसी कोने में छुपा लूँ तुमको।
एक निर्णय भी नहीं हाथ में मेरे बेटी
कोख मेरी है मगर कैसे बचा लूँ तुमको।
जब भी ग़मगीन हो दिल अश्क बहे आँखों से
पोटली खोल के यादों की निकालूँ तुमको।
मेरे सुख दुख के हर आँसू में बहे तू संग-संग
आँख में अपनी मैं काजल सा बसा लूँ तुमको।
तूने खुशियों के भरे रंग मेरे जीवन में
माँग में अपनी सितारों सा सजा लूँ तुमको।
अपने दिल के किसी कोने में छुपा लूँ तुमको।
एक निर्णय भी नहीं हाथ में मेरे बेटी
कोख मेरी है मगर कैसे बचा लूँ तुमको।
जब भी ग़मगीन हो दिल अश्क बहे आँखों से
पोटली खोल के यादों की निकालूँ तुमको।
मेरे सुख दुख के हर आँसू में बहे तू संग-संग
आँख में अपनी मैं काजल सा बसा लूँ तुमको।
तूने खुशियों के भरे रंग मेरे जीवन में
माँग में अपनी सितारों सा सजा लूँ तुमको।
रचनाकार- सुश्री ममता किरण
परिचय- हिंदी की लगभग सभी प्रतिष्ठित राष्ट्रीय व अंतर्राष्ट्रीय पत्र-पत्रिकाओं – हंस, पूर्वग्रह, इंडिया टुडे (स्त्री), जनसत्ता साहित्य विशेषांक, कादम्बिनी, साहित्य अमृत, गगनांचल, समाज कल्याण, लोकायत, इंडिया न्यूज़, अमर उजाला, नई दुनिया, अक्षरम संगोष्ठी, अविराम आदि में कविताएं प्रकाशित। सैकड़ों लेख, साक्षात्कार, पुस्तक समीक्षाएं आदि समाचार पत्रों में प्रकाशित। इंदिरा गांधी राष्ट्रीय मुक्त विश्वविद्यालय, नेशनल ओपन स्कूल आदि के लिए आलेख लेखन। आकाशवाणी –दूरदर्शन के लिए डाक्यूमेंट्री लेखन।
वाह बहुत खूब कही
ReplyDeletedil ki gahraio se likhi sunder bhaw liye behad umda gazal, mamta kiran ji sunder lekhne ke liye badhai ho.
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