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Saturday, January 18, 2014

थरूर के इश्क के शुरुर की शिकार सुनंदा पुष्कर

'" इश्क नहीं आसां, बस इतना समझ लीजे,
इक आग का दरिया है और डूब के जाना है।"
यह शेर तो आपने सुना ही होगा। आज अखबार में जब सुनंदा पुष्कर की मौत की खबर पढ़ी तो अनायास ही यह शेर मुँह से निकल पड़ा। अब सुनंदा को क्या खबर थी, कि उन्हें शशि थरूर से इश्क करके शादी करने का खामियाजा अपनी मौत से चुकाना पड़ेगा। “पति, पत्नी और वो” की कहानी ने उन्हें इस मुकाम पर पहुँचा दिया। तीन साल के वैवाहिक जीवन को तब झटका लगा जब सुनंदा ने शक होने पर अपने पति शशि थरूर के मोबाइल फोन से पाकिस्तानी पत्रकार और आई.एस.आई. एजेंट के लिए प्यार भरे ट्वीट किये। जब मामले ज्यादा तूल पकड़ा तो थरूर ने इसके लिए अपने ट्विटर एकाउंट हैक किये जाने और हैकर द्वारा ऐसे मैसेज भेजे जाने का बहाना मारा, लेकिन सुनंदा घायल प्रेमिका थी और इतनी आसानी से अपने प्रेमी पति को माफ करना नहीं चाहती थीं। सुनंदा ने बाकायदा एक अंग्रेजी अखबार को इस बारे में साक्षात्कार दिया और अपने पति को बेवफा घोषित कर दिया। हालाँकि बाद में कल रात दोनों ने मिलजुल कर फेसबुक पर विवाद टालने के लिए यह घोषित किया कि सब कुछ दुरुस्त है और वे दोनों अपने वैवाहिक जीवन से प्रसन्न है। इसके उलट लोग यह अनुमान लगा रहे हैं कि सुनंदा पुष्कर के हाथ शशि थरूर के पासवर्ड आ गए थे जिससे उनके व आई.एस.आई. के संबंधों के बारे में उन्हें पता चल गया था। इसलिए सुनंदा का मरना जरूरी था। अब सच तो राम ही जाने और सच को वैसे भी शायद सामने नहीं आने दिया जाएगा। पर एक बात तो तय है कि सुनंदा को थरूर के इश्क का शुरूर ले डूबा। 

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निवेदक-
सुमित प्रताप सिंह,
संपादक- सादर ब्लॉगस्ते!